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बिहार का कुशाषन

वाह रे.... बिहार का सुशाषन वाह....!!! सुशाषन बाबु आप को कोई फर्क पड़ता भी है या नही, कैसे पड़ेगा जनता के टैक्स से मौज मस्ती की ज़िन्दगी तो कट ही रही है तो फिर जनता कुड़े के ढ़ेर पर जाए या भांड में जाए क्या फर्क पड़ता है! सुशाषन राज है यहाँ तो जनता पहले भी हाशिए पर थी और आज भी है, पहले भी मुख्यमंत्री के काफिले के लिए जनता को दर्शक बना कर जहाँ का तहाँ खड़ा किया जाता रहा है और अब तो हद हो गई। कानुन व्यवस्था नाम की कोई चीज़ ही बाकी नही रह गई है, आए दिन तो हत्याए हो ही रही है अब एक लाचार मरीज को भी चैन नही है। कोई बात नही नितिश कुमार बाबु नशे में (चाहे वह शराब का नशा हो या सत्ता का नशा) तो लोग खुद को भुल जाते हैं आप जनता को भुलें तो क्या भुलें।