फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार इस लिए है कि पुरी दुनिया को संदेश मिले की ईस्लाम के खिलाफ टिप्पणी स्विकार्य नही- शाहलाल हसन
फ्रांस में पैगम्बर मुहम्मद स०अ०व० के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और कार्टुन प्रकरण के बाद से ही पुरी दुनिया में फ्राँस के खिलाफ गुस्सा फुट पड़ा है और लोगों ने खास कर ईस्लामी दुनिया ने फ्राँस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसमें एक प्रकार का विरोध है फ्राँस के उत्पादों का बहिष्कार करना। फ्राँस के उत्पादों का बहिष्कार और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर एक छात्र शाहलाल हसन ने देश रक्षक न्युज़ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा...... अस-सलाम-ओ-अलैकुम, मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं, "क्या अभिव्यक्ति की आजा़दी किसी के विश्वास या धर्म का अपमान करने की अनुमति देती है ???" मान लीजिए, एक X नाम का व्यक्ति जो नास्तिक है, उसने आपके GOD या आपके धर्म के किसी भी मैसेंजर का अपमानजनक पोस्टर बनाया है और आपके देश की सरकार इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर सरकारी भवनों पर प्रकाशित करती है। क्या यह नैतिक है ??? क्या आप उन्हें ऐसा करने की अनुमति देंगे ??? नहीं, यह न तो नैतिक है और न ही स्वीकार्य है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सही और आवश्यक है जब तक यह सम्मान और नैतिकता की सीमा के अंतर्गत है। लेकिन यह स्वीकार...