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सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में पिछड़े वर्ग को 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए -- मोहम्मद अरशद ख़ान

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में पिछड़े वर्ग को 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए -- मोहम्मद अरशद ख़ान प्रयागराज- देश रक्षक न्यूज़ डेस्क -  मदर टेरेसा फाउंडेशन द्वारा आयोजित चिंतन बैठक को संबोधित करते हुए मदर टेरेसा फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक, समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक जौनपुर मोहम्मद अरशद ख़ान ने कहा कि न्याय की आवश्यकता ग़रीब और कमज़ोर लोगों को होती है। और सबसे अधिक पीड़ित आदिवासी दलित और पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समाज के हैं। और न्याय पालिका में सभी वर्गों को आबादी के अनुपात में आरक्षण और हिस्सेदारी मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में पिछड़े वर्ग, दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज की हिस्सेदारी बहुत कम है। इस लिए आज ऐतिहासिक नगरी प्रयागराज, इलाहाबाद से मदर टेरेसा फाउंडेशन और अम्बेडकर सेना के बैनर तले हम देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में,देश के सभी हाई कोर्ट में, और जिला न्यायालयों में सभी धर्म जाति के लोगों को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी दिया जाए। पिछड़े वर्ग की आबादी 52 प्रतिशत है, इस लिए हम मां...

Koo … भारतीयता का एहसास कराता एक स्वदेशी एप!

Koo प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के Vocal for Local और आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित भारतीय उद्धमी अप्रमेय राधाकृष्णा ( Aprameya Radhakrishna ) और मयंक बिदावट्का ( Mayank Bidawatka ) के Bombinate Technology Pvt. Ltd. द्वारा विकसीत किया गया भारतीय एप है, यह मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था। Koo एप भारत के लोगों के लिए Tweeter का एक अच्छा विकल्प है, इस समय यह एप चार भारतीय भाषा हिन्दी, कन्नड़, तमिल और तेलगु में उपलब्ध है और जल्द ही यह अन्य भारतीय भाषा मराठी, बँग्ला, गुजराती, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, और असमी में भी उपलब्ध होगा। Koo के जारी किए गए ब्यान के अनुसार Koo खास कर उन भारतीय लोगों को ध्यान में रख कर बनाया गया है जो English नही जानते या अपनी मातृभाषा को ही ज़्यादा अहमियत देते हैं। Koo के सह संस्थापक मयंक बिदावट्का ने देश रक्षक न्युज़ को बताया कि लगभग 1 बीलियन भारतीय अंग्रेजी नही जानते हैं और केवल 10% भारतीय ही अंग्रेजी बोलते हैं उसकी जगह वो भारत की सैकड़ों भाषाओं में से एक भाषा बोलते हैं। हालांकि इंटरनेट पर ज़्यादातर कंटेंट अंग्रेजी में होते हैं लेकिन लोग अपनी मातृभाषा में ही इंटर...

A 12 years old girl Ridhima Pandey wrote letter to Prime Minister on climate change.

 #ridhimapandeyy #CleanAirForAll On International Day for Clean Air and Blue Skies, a 12 years old girl Ridhima Pandey wrote a letter to Prime minister of India Narendra Modi asking him to control climate change and demanding clean air for all. Ridhima Pandey said, I have written to our Prime Minister demanding clean Air for all.  Once at school, our teacher asked us about our worst nightmare. I told her that mine was coming to school with an oxygen cylinder because the air was becoming so polluted. This nightmare is still my biggest worry because polluted air is one of the biggest problems in our country today. The air pollution in many densely populated cities like Delhi, Varanasi, Agra, Mumbai, Chennai and others is very high, making it hazardous for the people living there, causing severe health issues. Post the pandemic, we have read about many research studies suggesting a link between air pollution and Covid 19 related incidences and mortalities. This is very worrying. ...