उमर मुख्तार भारतीय उपमहाद्विप का वह योद्धा जिसने दुश्मनों का जीना हराम कर दिया, साम्राज्यवाद के खिलाफ जम कर लड़ा और कभी भी गुलामी को स्विकार नही किया। गिरफ्तारी के बाद उमर मुख्तार उमर मुख्तार ने कहा, "हम आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, हम जीतते हैं या मरते हैं, हुकुमत के जुल्म के खिलाफ लड़ने की ताकत हमारे बाप ने हमे दी है ! तुम्हारी हर नस्ल को उमर मुख्तार मिलते रहेंगे ! मुदकमे के दौरान जज उमर मुख्तार से पूछता है, जज : क्या तुम मानते हो कि तुमने विद्रोह किया है? उमर मुख्तार : हाँ जज : क्या तुमने अपने लोगों को ईटली सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए प्रोत्साहित किया? उमर मुख्तार : हाँ जज __ क्या तुम जानते हो इसकी सजा क्या होगी ? उमर मुख्तार : हाँ जज : तो फिर अफसोस के साथ तुम्हारा अंजाम मौत है! उमर मुख्तार : मूझे कोई अफसोस नहीं यही मेरी जिंदगी का बेहतरीन अंजाम होगा! जज सलाह देते हुए और मौत का खौफ दिलाकर लालच देकर उमर मुख्तार को कहता है, कि अगर तुम अपने आन्दोलन को रोक दो और क्रांतिकारियों को कहो की वह मसलह तहरीक ( उमर मुख्तार का आन्दोलन ) छोड़...