सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्या तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से मिलना या ना मिलना देशभक़्ति का पैमाना है? पढ़िए पुरा लेख!

आमिर खान की देशभक़्ति और जनसेवा को क्यों भूल गए लोग? क्या तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब एर्दोगान की पत्नी से मुलाकात करना या ना करना देशभक़्ति या देशप्रेम का पैमाना बनेगा? इस मुद्दे पर एक फेसबुक युजर Bablu Rana अपने विचार रखें, 



आमिर खान का एक फाउंडेशन है पानी फाउंडेशन, इस फाउंडेशन ने साल 2016 में 116 गांव गोद लिए, साल 2019 तक वॉटर फाउंडेशन ने 4706 गांव गोद ले लिए। साल 2019 तक आमिर की संस्था ने 55000 करोड़ लीटर जल का संरक्षण किया। जिसकी मार्किट वैल्यू 11,020 करोड़ रुपए है। ये छोटा बदलाव नहीं है। आप अंदाजा नहीं लगा सकते इस मेहनत ने कितने सूखे गलों तक पानी पहुंचाया होगा। और मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि उनमें से अधिकतर हिन्दू ही होंगे जिन्हें आमिर की संस्था से लाभ मिला है।

साल 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान भी आमिर ने अपनी सम्मत के आधार पर मदद की थी। कोविड-19 के समय भी उन्होंने पीएम केयर फंड में अपना योगदान दिया था। महाराष्ट्र सरकार के रिलीफ फंड में भी उन्होंने कॉन्ट्रिब्यूशन किया था। लेकिन आपको तुर्की देश का नाम रटा देने वाला एंकर ये कभी नहीं बताएगा कि स्क्रीन के अलावा भी आमिर का एक सुंदर चेहरा है जिसे कम ही लोग जानते हैं। आमिर ने आपदा के समय जब भी मदद की, कभी भी किसी मीडिया में नहीं छपवाया, पीआर नहीं किया। फ़ोटो नहीं खिंचवाए, आपको आमिर का नाम अचानक ही क्यों सुनाई देता है? क्योंकि वह आदमी लाइमलाइट और मीडिया से बहुत दूर रहता है। उन्हें हर रोज हेडलाइन्स बनना पसन्द नहीं है जिसकी चाह हर व्यक्ति को रहती है।



जिस तरह आमिर के मुसलमान होने को टारगेट किया जा रहा है उससे यही लगता है कि प्रॉब्लम तुर्की जाने में नहीं है प्रॉब्लम आमिर के मुसलमान होने में है। लेकिन आपको एक बात याद रखनी चाहिए, जिस तरह मुशर्रफ से मुलाकात के बाद अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान प्रेमी नहीं हो जाते। नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद मोदी नवाज प्रेमी नहीं हो जाते। वैसे ही तुर्की की प्रथम महिला से मिलने के बाद आमिर एंटी इंडिया नहीं हो जाते।



किसी से मुलाकात का अर्थ उससे सहमति नहीं है। जरूरी नहीं है कि एमीन एर्दोगन से मुलाकात करने वाले आमिर, उनकी बातों से सहमत भी हों या जरूरी ये भी नहीं कि कश्मीर के प्रति जो व्यूज एर्दोगन के रहे हों, वे आमिर के भी हो।

आमिर का मूल्यांकन आमिर के विचारों के आधार पर तय किया जाना चाहिए, न कि उन लोगों के विचारों के आधार पर जिनसे कि वे मुलाकात करते हैं।

नोट- इस लेख में लिखी गई बातें लेखक के निजी विचार हैं, देश रक्षक न्युज़ इसकी किसी भी प्रकार से ज़िम्मेदारी नही लेती है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जानिए कर्बला के उन 72 शहीदों के नाम जिन्होने ईस्लाम के लिए अपनी कुर्बानी दी!

कर्बला का युद्ध 10 मुहर्रम 61 हिजरी ( ईस्लामिक कैलेन्डर ) बमुताबिक 10 अक्टुबर सन् 680 ई० को हज़रत इमाम हुसैन और यजीद की लाखों की फौज के बीच हुई थी। इस युद्ध में आम राय के अनुसार हज़रत इमाम हुसैन की तरफ से लड़ते हुए 72 लोग शहीद हुए थें, कहीं कहीं यह आँकड़ा 72-136 बताया जाता है। वो 72 नाम सबको जानना चाहिये। तमाम शोहदा ए कर्बला के नाम ए मुबारक .... तस्वीर सांकेतिक है कर्बला के 72 शहीद ( शोहदा ए कर्बला ) के नाम---- 1. हज़रत इमाम हुसैन रज़ि अल्लाहु अनहु 2. हज़रत अब्बास बिन अली 3. हज़रत अली अकर बिन हुसैन 4. हज़रत अली असगर बिन हुसैन 5. हज़रत अब्दुल्ला बिन अली 6. हज़रत जफर बिन अली 7. हज़रत उस्मान बिन अली 8. हज़रत अबू बकर बिन अली 9. हज़रत अबू बकर बिन हसन बिन अली 10. हज़रत कसीम बिन हसन बिन अली 11. हज़रत अब्दुल्लाह बिन हसन 12. हज़रत ऐन बिन अब्दुल्ला बिन जाफर 13. हज़रत मोहम्मद बिन अब्दुल्ला बिन जाफर 14. हज़रत अब्दुल्ला बिन मुस्लिम बिन अकील 15. हज़रत मोहम्मद बिन मुस्लिम 16. हज़रत मोहम्मद बिन सईद बिन अकील 17. हज़रत अब्दुल रहमान बिन अकील 18. हज़रत जफर बिन अकील 19. हज़रत यूएन बिन हर्स असदी 20. हज़रत ह...

तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नि से मुलाकात करने पर क्यों ट्रोल किए जा रहे हैं आमिर खान? क्या है पुरा मामला जानिए यहाँ!

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं, वजह है उनकी अपकमिंग फिल्म "लाल सिंह चड्डा" जिसकी सुटिंग इन दिनों तुर्की में हो रही है। गौरतलब हो कि आमिर खान की अपकमिंग फिल्म लाल सिंह चड्डा की कुछ सुटिंग भारत में पुरी हो चुकी है लेकिन कोरोना संकट के बढ़ते प्रभाव के कारण फिल्म की सुटिंग बीच में ही बन्द कर दी गई थी और लगभग 5 महीने के बाद इसकी सुटिंग दुबारा से तुर्की में शुरु की है। लेकिन आमिर खान को ट्रोल किए जाने की वजह से फिल्म या इस फिल्म का तुर्की में सुट किया जाना नही है, बल्कि विवाद इस बात पर है कि आमिर खान तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब एर्दोगान की पत्नि से क्यों मिलें? गौरतलब है कि तुर्की की प्रथम महिला तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब एर्दोगान की पत्नि एमिन एर्दोगान ने ट्विटर पर ट्विट करते हुए आमिर खान से मुलाकात की बात कही थी। https://twitter.com/EmineErdogan/status/1294684499075366913?s=20 जब ये ट्विट भारत के लोगों तक पहुँचा तो भाजपा और संघ से जुड़े लोगों को इस बात से आपत्ती होने लगी की आमिर खान ने एमिन एर्दोगान से मुलाकात क्यों की? और सोशल मिडिया पर उन्ह...

डॉ० कफील खान की रिहाई पर ईलाहाबाद उच्य न्यायालय में अंतरिम सुनवाई कल, परिवार वालों ने दुआ की अपील की।

 गोरखपुर के बी० आर० डी० अस्पताल के पुर्व डॉक्टर कफील खान इन दोनो रासुका यानि राष्ट्रीय सुरक्षा कानुन के तहत जेल में बंद हैं, उन पर CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उन के दिए भाषण के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रासुका लगा रखा है और बीते दिनों डॉ० कफील पर लगाए गए रासुका की अवधी 3 महीनों के लिए और बढ़ा दी गई थी। डॉ० कफील खान के परिवार या दोस्तों ने उनके फेसबुक अकाउण्ट से पोस्ट करते हुए अंतरिम सुनवाई की जानकारी दी और साथ ही डॉ० कफील के चाहने वालों से साथ देने के अलावा दुआ/प्रार्थना करने की भी अपील की है। राजनितिक दुर्भावना से लगाए गए NSA की पीड़ा को मैं बखुबी समझता हुँ- भीम आर्मी चीफ गौरतलब है कि डॉ० कफील खान की रिहाई के लिए सोशल मिडिया से लेकर सड़क तक लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है, भारतीय इंसान पार्टी, समाजवादी पार्टी, काँग्रेस सहित कई छोटी बड़ी पार्टी ने डॉ० कफील की रिहाई की माँग की है, वहीं सोशल मिडिया पर डॉ० खान की रिहाई के लिए कई हैशटैग के साथ लगातार विरोध किया जा रहा है और उनकी रिहाई की माँग की जा रही है। आपको बताता चलुँ कि काँग्रेस की तरफ से प्रियंका...