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काश्मीरी महिलाओं का दर्द दिखाने वाली पत्रकार मसर्रत ज़हरा को फिर मिला अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड, जाने क्यों मिला है ये अवार्ड?

मसर्रत ज़हरा काश्मीरी महिलाओं के दर्द को अपना दर्द समझने वाली पत्रकार हैं, वो एक फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट हैं जो काश्मीर की क्षेत्रिय समस्या और खास कर महिलाओं की समस्या पर अपनी पत्रकारिता को केन्द्रीत रखती हैं। केन्द्र सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने के बाद काश्मीर की क्षेत्रिय समस्या और खास कर महिलाओं की समस्या पर उन्होने जिस साहस और आत्मविश्वास के साथ पत्रकारिता की उसका ईनाम उन्हे एक बार नही बल्कि 2-2 बार मिला है।

Mosarrat Zahra

मसर्रत ज़हरा को उनके साहसी और मुद्दे से जुड़ी पत्रकारिता के लिए "पीटर मैक्लर अवार्ड" से सम्मानित किया गया है, उन्होने ट्विट करते हुए इसके लिए अपने प्रशंसकों को बधाई दी। ज्ञात हो कि "पीटर मैक्लर अवार्ड" उन पत्रकारों को दिया जाता है जो पत्रकार सच्चाई, प्रतिबध्ता और निष्पक्षता के साथ अपने लेख लिखते हैं या उसे ऑन एयर लोगों तक पहुँचातें हैं।

इससे पहले भी जुन 2020 में मसर्रत ज़हरा को इंटरनेशनल महिला मिडिया फाउंडेशन की तरफ से "अंजा नेडरिंगस अवार्ड" से सम्मानित किया जा चुका है। गौरतलब है कि अप्रैल 2020 में उन्होने ऐसी ही साहसी पत्रकारिता करते हुए काश्मीर की महिलाओं के हक में आवाज़ उठाने के लिए एक फेसबुक पोस्ट किया था जिसे जम्मु काश्मीर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए मसर्रत ज़हरा को UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत देशद्रोह के ईल्ज़ाम में गिरफ्तार कर लिया था।


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