सत्तू एक प्रकार का देशी व्यंजन है, जो भूने हुए चना, मक्का या जौ को पीस कर बनाया जाता है। बिहार में यह काफी लोकप्रिय है और कई रूपों में उपयोग होता है। यह चूर्ण ( पीसे हुए रूप में ) के रूप में रहता है जिसे पानी में घोल कर या अन्य रूपों में खाया अथवा पिया जाता है। सत्तू के सूखे (चूर्ण) तथा घोल दोनों ही रूपों को 'सत्तू' कहते हैं। सत्तू से ही बिहार की प्रसिद्ध लिट्टी बनाया जाता है, मुख्यत: लिट्टी चना के सत्तू से बनाया जाता है लेकिन इसे जौ या मक्का के सत्तू से भी बनाया जा सकता है।
सत्तू बनाने की विधी —
- चना या जौ की सत्तू बनाने के लिए पहले इन्हे पानी में 4-5 घंटे तक भिगोया जाता है।
- फिर इसे अच्छी तरह से भूना जाता है, इतना की वह लावा की तरह फूट जाए।
- फिर इसे महीन चूर्ण के रूप में पीसा जाता है।
नोट- मक्का का सत्तू बनाने की प्रक्रिया भी इसी तरह है बस मक्का को बिना भिगोए ही भूना जाता है।
लिजिए सत्तू हो गया तैयार, अब आप इसे अपनी सुविधा के अनुसार उपयोग करें, सत्तू को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसे खाने या पीने से पहले इसमें काला नमक या साधारण नमक, पीसा हुआ जीरा, नींबू का रस मिलाए आप आवश्यकता अनुसार इसमें बारीक कटी हुई प्याज और हरी मिर्च भी मिला सकते हैं।
सत्तू के फायदें —
सत्तू चुँकी प्राकृतिक अनाज से बनता है इस लिए यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
- सत्तू मौसम की गर्मी और पेट की गर्मी दोनो से ही राहत दिलाने का एक कारगर व्यंजन है।
- सत्तू मोटापे से भी छुटकारा दिलाने के लिए एक कारगर आहार है।
- सत्तू पौष्टिक गुणों से भरपुर होता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें