पटना स्थित पुराना बिहार सचिवालय में सोमवार देर रात भीषण आग लग गई, जिसमें मनरेगा सहित ग्रामीण विकास की फाईलें जल कर राख का ढ़ेर बन गई।
कैसे लगी आग? कौन कौन से रिकॉर्ड नष्ट हुए? ये आग प्राकृतिक थी या जानबुझ कर लगाई गई थी? हम इसका विश्लेसन लेकर आपके समक्ष हैं।
बिहार - पटना स्थित पुराने बिहार सचिवालय में सोमवार देर रात भीषण आग लग गई जिसमें मनरेगा सहित ग्रामीण विकास की फाईलें जल कर राख हो गई। यह आग सचिवालय स्थित ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय में लगी थी, जिसमें विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी का कोषांग और उसके ऊपर एंव नीचे स्थित कार्यालय जल कर राख हो गया।
बताया जाता है कि इस आग में करीब डेढ़ करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है जिसमें करीब तीन दर्जन कम्प्युटर, एक दर्जन से अधिक एसी, कुर्सी, टेबल, फॉलसिसिंग आदी शामिल है। जहाँ तक सवाल है कि कितनी और कौन कौन सी फाईलें जली हैं, आग कैसे लगी? आग लगी या लगाई गई थी तो इसकी जानकारी देने के लिए कोई तैयार नही है। विभाग के संयुक़्त सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा कि फायर ऑडिट और विभागिय जाँच के बाद ही आग के कारणों और नुकसान का सही सही आँकलन किया जा सकता है।
वहीं विपक्ष इस आगजनी के बाद से ही सरकार पर हमलावर है, राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव ने जम कर सरकार पर हमला किया, काँग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पुरानी सचिवालय में आग लगी नही है बल्कि लगाई गई है। सरकार को डर है कि आगामी विधानसभा चुनाव में नितिश कुमार की सरकार नही बनने वाली है इस बात का यकीन सरकार और उसके मंत्रीयों को हो गया है, इस लिए सारी फाईलें जला दी गई ताकि नई सरकार घोटाले का हिसाब न ले सके, सुरजेवाला ने आशंका व्यक्त की है कि अभी और भी कई जगहों पर आग लगाई जा सकती है।
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