ख्वाब: ए लव स्टोरी पार्ट- 1 , हिन्दी में
Khwab: A Love Story Part- 1 , In Hindi
अल्तमश खान स्कूल के नियम से हटकर क्लास रूम से बाहर खुले आसमान के नीचे धूप में बैठ कर स्टुडेंट्स को पढ़ा रहा था, क्लास शुरु हुए लगभग 10 मिनट बीत चुके थें तभी स्कुल का ऑटो रिक्शा स्कूल कैंपस में आता है, बच्चों को पढ़ाते हुए अल्तमश के कान में ऑटो रिक्शा की आवाज़ पहुँचती है और उसकी नजरे ऑटो रिक्शा की तरफ चली जाती हैं, अल्तमश हेैरत से रिक्शा की तरफ देखता है। ऑटो रिक्शा में सलवार कमीज पहने सर पर दुपट्टा को हिजाब की तरह ओढ़े 18-19 साल की एक बेहद मासुम सी दिखने वाली खुबसुरत मगर अंजान सी लड़की बैठी होती है उस लड़की को देख कर अल्तमश अपनी नज़रे उस लड़की पर से हटा ही नही पाता है और उसकी नजरे ऑटो रिक्शा में बैठी उस लड़की का पीछा करती रहती हैं, ऑटो रिक्शा अपनी ही रफ्तार से चलते हुए आगे बढ़ती चली आ रही होती है और अल्तमश अपनी ही धुन में मगन उस लड़की को एकटक निहारे जा रहा होता है, अल्तमश को होश तब आता है जब ऑटो रिक्शा उसके बेहद करीब आ कर रुकती है और अल्तमश की क्लास में पढ़ रहे स्टुडेंट्स चिल्लाते हैं डॉली मिस आ गई…… डॉली मिस आ गई……!!!
(ख्वाब: ए लव स्टोरी, कल्पना पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है, इस कहानी के पात्रों का नाम, स्थान का नाम या इस कहानी से जुड़ी कोई भी बात किसी के निजी जीवन से नही जुड़ी है। अगर फिर भी किसी प्रकार से ये कहानी या कहानी का कोई अंश किसी के निजी जीवन से जुड़ी हो तो ये महज एक संयोग होगा। हम किसी के निजी जीवन की प्राईवेसी या उसके आत्म सम्मान को कोई ठेस नही पहुँचाना चाहते मगर फिर भी इस कहानी से किसी को भी किसी तरह की कोई ठेस पहुँचती है तो हम उससे माफी चाहते हैं।)
*ये कहानी बिहार के एक छोटे से शहर के एक लड़के और उसके प्यार की कहानी है। कहानी शुरु करने से पहले हम आप को अपनी कहानी के हीरो के बारे में थोड़ी सी जानकारी दे दें कि हमारी कहानी का हीरो अल्तमश ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाला 20 साल का एक सीधा सादा एवरेज सा दिखने वाला लड़का है और लड़कियों के मामले में तो बेहद शर्मिला और लड़कियों से दुर भागने वाला बंदा है, मगर लड़कियों से दुर भागने वाले इस शर्मीले स्वभाव के लड़के को हमारी कहानी की हीरोईन से कैसे प्यार होता है? वो दोनों एक दुसरे के करीब कैसे आते हैं? और इस कहानी का अंजाम क्या होता है? क्या उन दोनों का प्यार कामयाब हो पाता है? बस यही तानाबाना हमारी कहानी है। कहानी की शुरुआत शहर के एक छोटे से प्राईवेट स्कुल से होती है, जहाँ हमारी कहानी का हीरो अल्तमश खान एक स्कुल टीचर होता है।*
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यूँ तो स्कूल की प्रार्थना के बाद क्लास शुरु हो चुकी थी, लेकिन स्कूल के ऑटो रिक्शा से आने वाले छात्र अब तक स्कुल नही पहुँचे थें, सर्दियों का मौसम आ चुका था, मौसम में हल्की हल्की ठंडक आ चुकी थी इस लिए अल्तमश हुसैन स्कूल के नियम से हटकर क्लास रूम से बाहर खुले आसमान के नीचे धूप में बैठ कर स्टुडेंट्स को पढ़ा रहा था, क्लास शुरु हुए लगभग 10 मिनट बीत चुके थें तभी स्कुल का ऑटो रिक्शा स्कूल कैंपस में आता है, बच्चों को पढ़ाते हुए अल्तमश के कान में ऑटो रिक्शा की आवाज़ पहुँचती है और उसकी नजरे ऑटो रिक्शा की तरफ चली जाती हैं, अल्तमश हेैरत से रिक्शा की तरफ देखता है। ऑटो रिक्शा में सलवार कमीज पहने सर पर दुपट्टा को हिजाब की तरह ओढ़े 18-19 साल की एक बेहद मासुम सी दिखने वाली खुबसुरत मगर अंजान सी लड़की बैठी होती है उस लड़की को देख कर अल्तमश अपनी नज़रे उस लड़की पर से हटा ही नही पाता है और उसकी नजरे ऑटो रिक्शा में बैठी उस लड़की का पीछा करती रहती हैं, ऑटो रिक्शा अपनी ही रफ्तार से चलते हुए आगे बढ़ती चली आ रही होती है और अल्तमश अपनी ही धुन में मगन उस लड़की को एकटक निहारे जा रहा होता है, अल्तमश को होश तब आता है जब ऑटो रिक्शा उसके बेहद करीब आ कर रुकती है और अल्तमश की क्लास में पढ़ रहे स्टुडेंट्स चिल्लाते हैं डॉली मिस आ गई…… डॉली मिस आ गई……!!! स्टुडेंट्स ऑटो से उतर कर अपने अपने क्लास रूम की तरफ चले जाते हैं और वो लड़की सीधे ऑफिस की तरफ चली जाती है।
उस लड़की को देख कर अल्तमश तो पहले ही हैरान था उस पर से स्टुडेंट्स का ये कहना कि "डॉली मिस आ गई" अल्तमश को परेशान कर रहा था क्योंकि अल्तमश को इस स्कुल में पढ़ाते हुए लगभग 2 महीने होने वाले थें लेकिन उसने इस दौरान उस लड़की को कभी भी उस स्कुल में नही देखा था, अल्तमश अपने ही ख्यालों में खोया हुआ सोचता है मैने तो पहले कभी इस लड़की को स्कुल में नही देखा फिर ये कौन सी टीचर हैं और स्टुडेंट्स इन्हे डॉली मिस क्यों कह रहे हैं? क्या ये पहले भी इस स्कुल में पढ़ा चुकीं हैं? लेकिन मैने तो पहले कभी इन्हे इस स्कुल में नही देखा फिर स्टुडेंट्स इन्हे डॉली मिस क्यों कह रहे हैं? स्टुडेंट्स इन्हे कैसे जानते हैं? इन्ही सब ख्यालों में गुम अल्तमश उस लड़की के बारे में सोचता रहता है तभी उसके कानों में आवाज़ आती है, अल्तमश सर…… अल्तमश सर…… ये सुन कर अल्तमश अपने ख्यालों से बाहर आता है और स्टुडेंट से पुछता है, ये कौन थीं?
स्टुडेंट- डॉली मिस
अल्तमश- लेकिन मैने तो पहले कभी इन्हे यहाँ नही देखा!
स्टुडेंट- हाँ… क्योंकि अब डॉली मिस यहाँ नही पढ़ाती हैं!
अल्तमश- ओह… ओके… ठीक है।
( और फिर अल्तमश उस लड़की यानि कि डॉली मिस के ख्यालों को छोड़ कर स्टुडेंट्स को पढाने में व्यस्त हो जाता है, पिरियड चेंज होने के बाद अल्तमश दुसरे स्टुडेंट्स को पढाने के लिए दुसरे क्लास में चला जाता है और वहाँ स्टुडेंट्स को पढाने लगता है तभी सामने की क्लास में डॉली मिस आती हैं और स्टुडेंट्स को पढाने लगती हैं, ये देख कर अल्तमश एक बार फिर हैरान होता है कि ये तो अब यहाँ टीचर नही हैं फिर स्टुडेंट्स को क्यों पढ़ाने आई हैं? खैर मुझे क्या…!!! ये सोच कर अल्तमश अपनी क्लास में लग जाता है। वक़्त बीतता है और 2 दिन बाद उसे पता लगता है कि डॉली मिस ने स्कुल को फिर से ज्वाईन कर लिया है और अब वो यहीं पढाएगीं। )
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वक़्त और बीतता है और करीब डेढ़ महीने बाद अल्तमश अपनी क्लास में पढ़ा रहा होता है और डॉली मिस अल्तमश के सामने वाली उसी क्लास में पढ़ा रही होतीं हैं जहाँ अल्तमश ने पहली बार डॉली मिस को पढ़ाते हुए देखा था, दोनों ही अपनी अपनी अपनी क्लास में व्यस्त होते हैं तभी अल्तमश को प्यास लगती है और वो पानी पीने के लिए जाता है चुँकी स्कुल का चापाकल स्कुल के पिछले हिस्से में होता है और वहाँ जाने का रास्ता डॉली मिस जिस क्लास में पढ़ा रही होतीं हैं उसी क्लास से होते हुए जाता है तो अल्तमश अपनी नज़रे नीचे किए उस क्लास से होते हुए पानी पीने चला जाता है और पानी पी कर वापस आते समय उसकी नजर ब्लैकबोर्ड पर पड़ती है जहाँ डॉली मिस ब्लैकबोर्ड पर मिकी माउस का चित्र बना रही होती हैं, चित्र लगभग पुरा हो चुका होता है और चित्र इतना खुबसुरत बना होता है कि अल्तमश वहाँ रूक कर चित्रकारी की तारीफ किए बिना नही रह पाता है। ये पिछले डेढ़ महीने में पहला मौका होता है जब एक ही स्कुल में पढ़ाते हुए भी अल्तमश पहली बार डॉली मिस से बात करता है।
अल्तमश- वाओ… डॉली मिस… आपने तो माशा अल्लाह बहुत बढ़िया चित्र बनाया है।
डॉली मिस- नही… मैने तो बस कोसिश की है। ड्रॉईंग की क्लास है ना इस लिए, क्या चित्र वाकई इतना अच्छा बना है?
अल्तमश- हाँ… डॉली मिस चित्र वाकई बहुत अच्छा बना है और चौक से ब्लैकबोर्ड पर इतना अच्छा चित्र बनाना आसान नही है।
डॉली मिस- थैंक्स
फिर दोनों ही अपनी अपनी क्लास में पढाने में लग जाते हैं।
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वक़्त और बीतता है और इस बीच अल्तमश पढ़ने के लिए कम्प्युटर क्लास ज्वाईन कर लेता है लेकिन क्म्प्युटर क्लास की टाईमिंग स्कुल के टाईम पर होने की वजह से अल्तमश सोच में पड़ जाता है कि अब क्या करे, वो ऑफिस में स्कुल के डायरेक्टर से मिलने पहुँच जाता है, वहाँ जाकर अल्तमश स्कुल के डायरेक्टर से सारी बातें बताता है तो स्कुल के डायरेक्टर उसे क्म्प्युटर क्लास के लिए स्कुल टाईम के बीच ही 1 घंटे की छुट्टी करने का परमिशन दे देते हैं। अब अल्तमश की रुटिंग यह होती है कि लंच से पहले तक वह स्कुल में पढ़ाता है और फिर लंच की घंटी बजते ही वह क्म्प्युटर क्लास के लिए निकल जाता है और फिर लंच के बाद की एक घंटी खत्म होने के बाद स्कुल वापस पहुँचता है। अल्तमश इस बात से अंजान की डॉली मिस ने उसकी इस नई डेली रुटिंग पर नज़र रखी हुई है अपने ही रुटिंग में व्यस्त रहता है। इस बीच स्कुल की एक दुसरी मिस जो जुनियर क्लास के बच्चों को पढ़ाती थीं उनकी शादी तय हो जाती है और वह स्कुल छोड़ देती हैं, इस कारण सभी टीचर पर एक्स्ट्रा क्लास लेने की ज़िम्मेदारी आ जाती है, यह एक्स्ट्रा क्लास शायद किस्मत ने हमारी कहानी के हीरो और हीरोईन को नज़दीक लाने के लिए तय की हो क्योंकि एक्स्ट्रा क्लास की वजह से अल्तमश पर भी जुनियर क्लास में एक पिरियड पढ़ाने की ज़िम्मेदारी आ जाती है और आपको बता दें कि जुनियर क्लास स्कुल की मेन बिल्डिंग से थोड़ा दुर होता है जहाँ सिर्फ दो क्लास रुम ही होते हैं एक जुनियर A और दुसरा जुनियर और किस्मत का खेल भी निराला होता है आप इसे इत्तेफाक भी कह सकते हैं कि अल्तमश और डॉली मिस दोनों की एक साथ ही एक एक पिरियड जुनियर क्लास में लग जाती है। इससे स्टुडेंट्स को पढाने के साथ साथ दोनों को एक दुसरे से बात करने का मौका भी मिल जाता है क्योंकि आप तो जानते हैं हमारा हीरो तो लड़कियों से दुर भागता है तो वो स्कुल की मेन बिल्डिंग में सामने वाली क्लास में आमने सामने रह कर भी डॉली मिस से ज़्यादा बात नही करता है इस लिए तो अब तक इस कहानी में दोनों के बीच ज़्यादा बातचीत होते नही दिखाया गया है।
जैसा कि आप को पता है कि डॉली मिस अल्तमश की डेली रुटिंग पर नज़र रखी हुई होती हैं कि वह स्कुल से 1 घंटे से भी ज़्यादा समय के लिए गायब रहता है लेकिन डॉली मिस को भी अब तक ये पता नही होता है कि अल्तमश स्कुल से बीच में ही गायब किस लिए होता है और कहाँ जाता है? तो डॉली मिस ही उनकी और अल्तमश के बीच की दुरी को खत्म करते हुए बातचीत का सिलसिला शुरु करती हैं-
डॉली- अल्तमश सर… आपसे एक बात पुछुँ… बुरा तो नही मानिएगा!
अल्तमश- कौन सा बात?
डॉली- है एक बात… पहले आप बताईए बुरा तो नही मानिएगा!
अल्तमश- नही तो… बुरा क्यों मानुँगा… पुछिए क्या पुछना है!
डॉली- आप रोज रोज स्कुल से कहाँ चले जाते हैं?
अल्तमश- वो… वो मैं क्म्प्युटर क्लास के लिए जाता हुँ, अपनी पढ़ाई भी तो जरुरी है।
डॉली- हाँ… वो तो है!
और इस तरह उनके बीच बहुत सारी बातें होती हैं और अब यह हर रोज की रुटिंग बन जाती है हर रोज वो दोनों क्लास के बीच ही जुनियर क्लास के बरामदे में आकर एक दुसरे से बातें करते हैं, अल्तमश को भी अब डॉली मिस से बात करना अच्छा लगने लगता है और वो भी उनसे बात करने का बहाना ढ़ुँढ़ता रहता है। डॉली मिस भी किसी न किसी बहाने आकर अल्तमश से बात करती रहती, कभी वह कोई कोश्चन लेकर आ जाती और कहती अल्तमश सर ये कैसे बनेगा मुझे समझ में नही आ रहा है इसी तरह कभी कुछ तो कभी कुछ बहाना होता और वो दोनों एक दुसरे से बातें करते। अब उन दोनों के बीच अच्छी नजदिकियाँ बढ़ने लगी थी, दोनों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग भी बन गई थी लेकिन बात अभी भी दोस्ती तक भी नही पहुँची थी। समय बीतता गया स्कुल का फाईनल एग्ज़ाम का समय आ गया, सभी स्टुडेंट्स और टीचर एग्ज़ाम की तैयारी में जोर शोर से जुट गए। अल्तमश भी एग्ज़ाम की तैयारी करने व कराने में लग गया और आखिरकार एग्ज़ाम का समय आ गया एग्ज़ाम शुरु हुआ सभी स्टुडेंट्स ने अपनी अपनी तरफ से अच्छा एग्ज़ाम दिया, एग्ज़ाम खत्म होने के बाद सभी टीचर को उनके उनके सब्जेक्ट की कॉपी जाँचने का ज़िम्मा दिया गया, अल्तमश ने भी अपने सब्जेक्ट्स की कॉपी ले ली और स्कुल में रिजल्ट आने तक के लिए छुट्टी कर दिया गया, अल्तमश और डॉली मिस अब स्कुल खुलने तक एक दुसरे से अलग हो गए थें, दोनों को ही पता था कि अब स्कुल खुलने तक हम एक दुसरे से नही मिल सकते लेकिन फिर भी किसी ने भी एक दुसरे से उसका फोन नम्बर नही लिया और नही बाहर कहीं मिलने की बात हुई। अल्तमश ने अपने सभी सब्जेक्ट्स की कॉपी जाँचने के बाद स्टुडेंट्स ने जैसा लिखा था उसके हिसाब से उन्हे नम्बर दे दिया और फिर स्कुल खुलने से पहले ही स्कुल के डायरेक्टर का फोन आया कि कॉपी लेकर स्कुल आईए। अल्तमश सभी कॉपी को लेकर स्कुल पहुँच गया, डायरेक्टर ने कॉपी चेक किया तो कुछ स्टुडेंट्स के नम्बर कम थें, डायरेक्टर सर ने कहा कि अल्तमश सर ये सरकारी स्कुल नही है प्राईवेट स्कुल है अगर स्टुडेंट्स के नम्बर कम रहे तो पैरेन्ट्स को क्या जवाब देगें! सभी स्टुडेंट्स की कॉपी में नम्बर बढाईए और फाईनल रिजल्ट में 85% से कम नम्बर किसी भी स्टुडेंट्स का नही होना चाहिए। ये बात अल्तमश को अच्छी नही लगती लेकिन वो बिना कुछ कहे कॉपी लेकर वहाँ से घर आ जाता है और डायरेक्टर सर के कहे अनुसार रिजल्ट बना देता है।
फिर वो दिन भी आ जाता है जब स्कुल दुबारा से खुल जाता है और सभी स्टुडेंट्स और टीचर्स स्कुल में आ जाते हैं, सभी स्टुडेंट्स को रिजल्ट का बेसब्री से इंतज़ार होता है और सभी क्लास टीचर्स अपने अपने क्लास का फाईनल रिजल्ट रिपोर्ट कार्ड पर उतार रहे होते हैं, इन सब काम में लंच तक का समय हो जाता है और लंच के बाद सभी स्टुडेंट्स को उनके उनके रिजल्ट्स दिए जाते हैं, सभी स्टुडेंट्स अपना रिजल्ट देख कर खुश हो जाते हैं लेकिन अल्तमश खुश नही होता है क्योंकि उसे रिजल्ट के पीछे हुए गड़बड़ के बारे में सब पता होता है। रिजल्ट अनाउंस हो जाने के बाद स्कुल की छुट्टी कर दी जाती है लेकिन अल्तमश स्कुल में ही रुक जाता है और डायरेक्टर सर के ऑफिस में जाकर उनसे मिलता है और स्कुल छोड़ने की बात करता है। जी हाँ अब यहाँ कहानी में आ रहा है नया ट्विस्ट हमारी कहानी का हीरो हीरोईन और स्कुल दोनों को छोड़ कर जाने की बात कर रहा है। डायरेक्टर सर पुछते हैं क्या बात है अल्तमश सर अचानक स्कुल छोड़ने की बात कहाँ से आ गई? ऐसा क्या हो गया? लेकिन अल्तमश बात को टाल जाता है और कहता है कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो गई है अब मेरे पास टाईम नही है, दरअसल अपना हीरो सामने वाले को भला बुरा कहने की जगह खुद को ही उस रास्ते से हटा लेना ज़्यादा बेहतर समझता है जो रास्ता उसे पसंद नही आता है। ये कहने के बाद वह स्कुल को हमेशा के लिए छोड़ कर वहाँ से निकल आता है, इधर डॉली मिस और दुसरे टीचर्स या स्टुडेंट्स को इस बात की खबर तक नही होती की अल्तमश सर ने स्कुल छोड़ दिया है। उन सब को अगले दिन तब पता चलता है जब वो सब स्कुल आते हैं। इस तरह हमारी कहानी का हीरो अल्तमश और हीरोईन डॉली एक दुसरे से बिछड़ जाते हैं, उन दोनों के ही पास एक दुसरे से काँटैक्ट करने का कोई ज़रिया नही होता है न तो उन्होने अब तक एक दुसरे से उनका फोन नम्बर लिया होता है न घर का पता। शायद उन्हे अब तक एक दुसरे से प्यार हुआ ही नही होता है या उन्हे इस बात का एहसास नही हुआ होता है। अब आगे क्या होगा? क्या अल्तमश और डॉली अब एक दुसरे से दुबारा मिल पाएगें? और मिलेगें भी तो कैसे और कहाँ? क्या उन्हे एक दुसरे से प्यार होगा? क्या होगा आगे? क्या ये प्रेम कहानी आगे बढ़ पाएगी? जानने के लिए पढ़िए " ख्वाब : ए लव स्टोरी " का अगला पार्ट, तब तक के लिए बाय बाय!
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Har insan ko chahiye ke apne past
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