सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में पिछड़े वर्ग को 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए -- मोहम्मद अरशद ख़ान
प्रयागराज- देश रक्षक न्यूज़ डेस्क - मदर टेरेसा फाउंडेशन द्वारा आयोजित चिंतन बैठक को संबोधित करते हुए मदर टेरेसा फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक, समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक जौनपुर मोहम्मद अरशद ख़ान ने कहा कि न्याय की आवश्यकता ग़रीब और कमज़ोर लोगों को होती है। और सबसे अधिक पीड़ित आदिवासी दलित और पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समाज के हैं। और न्याय पालिका में सभी वर्गों को आबादी के अनुपात में आरक्षण और हिस्सेदारी मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में पिछड़े वर्ग, दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज की हिस्सेदारी बहुत कम है। इस लिए आज ऐतिहासिक नगरी प्रयागराज, इलाहाबाद से मदर टेरेसा फाउंडेशन और अम्बेडकर सेना के बैनर तले हम देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में,देश के सभी हाई कोर्ट में, और जिला न्यायालयों में सभी धर्म जाति के लोगों को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी दिया जाए। पिछड़े वर्ग की आबादी 52 प्रतिशत है, इस लिए हम मांग करते हैं सुप्रीम कोर्ट और देश के सभी हाई कोर्टों में पिछड़े वर्ग को 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए । दलित और आदिवासी समाज को उनकी आबादी के अनुपात में तीस प्रतिशत आरक्षण न्याय पालिका में दिया जाए। मोहम्मद अरशद खान साहब ने कहा कि मदर टेरेसा फाउंडेशन और अम्बेडकर सेना ने 8 मई 2022 से देशव्यापी आरक्षण आंदोलन शुरू किया है, उन्होंने देश के सभी पिछड़े वर्ग ,दलित ,आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज के जागरूक लोगों से अपील किया है कि वह इस लड़ाई में हमारा साथ दें ,ताकि पिछड़े वर्ग ,दलित ,आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज को न्यायपालिका में उनकी आबादी का अनुपात में आरक्षण और हिस्सेदारी दिलाई जा सके।
*मोहम्मद अरशद ख़ान पूर्व विधायक जौनपुर सदर पूर्व राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय संयोजक मदर टेरेसा फाउंडेशन* *संस्थापक अम्बेडकर सेना*
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